तहव्वुर राणा का आखिरी दांव फेल! US कोर्ट ने खारिज की याचिका, अब भारत में होगा इंसाफ

26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण याचिका खारिज, अब भारत में कानूनी कार्रवाई का सामना करेगा।

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा की आपातकालीन याचिका खारिज कर दी, अब भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ।" अगर आपको SEO-optimized या अलग फॉर्मेट में चाहिए, तो बता सकते हैं! 🚀

तहव्वुर राणा कौन हैं और क्यों है यह मामला अहम?

26/11 मुंबई आतंकी हमले का नाम आते ही तहव्वुर हुसैन राणा का जिक्र भी सामने आता है। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा पर आरोप है कि उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकियों को हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में मदद की थी। 26/11 हमले में 166 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिनमें 6 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे।

तहव्वुर राणा का नाम मुख्य रूप से उनके बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली के साथ जोड़ा जाता है। हेडली, जो इस हमले का मास्टरमाइंड था, वर्तमान में अमेरिका में 35 साल की सजा काट रहा है।


तहव्वुर राणा की याचिका अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

तहव्वुर राणा ने अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में “आपातकालीन याचिका” दायर की थी। उन्होंने दावा किया कि अगर उन्हें भारत भेजा जाता है तो पाकिस्तानी मूल और मुस्लिम धर्म के कारण उन्हें प्रताड़ित किया जाएगा। लेकिन अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया।

कोर्ट में राणा ने क्या तर्क दिया?

  • भारत में प्रत्यर्पित किए जाने पर उन्हें यातना सहनी पड़ सकती है।
  • उनकी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिनमें हृदयरोग, पार्किंसन, किडनी रोग और अस्थमा शामिल हैं।
  • भारत के जेलों में उनकी जान को खतरा हो सकता है।

हालांकि, अमेरिकी प्रशासन ने इन दलीलों को खारिज करते हुए साफ कर दिया कि राणा का प्रत्यर्पण भारत-अमेरिका के प्रत्यर्पण संधि के तहत पूरी तरह कानूनी है और अब उन्हें भारत भेजने का रास्ता साफ हो गया है।


अमेरिकी सरकार और ट्रंप प्रशासन का रुख

इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी देते हुए कहा था कि “दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकियों में से एक तहव्वुर राणा को भारत में मुकदमे का सामना करना होगा।” अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों ने भी राणा के लश्कर-ए-तैयबा से संबंध और उनकी आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता की पुष्टि की थी।


भारत में प्रत्यर्पण के बाद क्या होगा?

अब जब तहव्वुर राणा का अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण तय हो गया है, तो उनके खिलाफ मुंबई की विशेष अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा। भारतीय जांच एजेंसियां पहले ही राणा के खिलाफ ठोस सबूत जुटा चुकी हैं और अब उन्हें भारतीय कानून के तहत न्याय का सामना करना होगा।

भारत के लिए प्रत्यर्पण क्यों अहम?

  • न्यायिक प्रक्रिया पूरी होगी और 26/11 के पीड़ितों को इंसाफ मिलेगा।
  • भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को मजबूती मिलेगी।
  • यह मामला भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा।

राजनीतिक और जनता की प्रतिक्रिया

इस खबर के बाद भारत में राजनीतिक दलों और जनता की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।

  • शिवसेना: “यह भारत के लिए बड़ी जीत है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि राणा को कड़ी से कड़ी सजा मिले।”
  • कांग्रेस: “यह सरकार की बड़ी उपलब्धि है, लेकिन हमें आगे भी सतर्क रहना होगा।”
  • आम जनता: सोशल मीडिया पर लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे न्याय की दिशा में अहम कदम बताया।

निष्कर्ष: क्या होगा आगे?

तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत की न्याय प्रणाली के लिए एक ऐतिहासिक क्षण साबित होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय अदालतें इस मामले को कितनी तेजी से आगे बढ़ाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि 2024 के अंत तक राणा के खिलाफ ट्रायल शुरू हो सकता है।


इमेज क्रेडिट: [ हिन्दुस्तान ]

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